Google और Microsoft का संदेश: AI सीखना अब विकल्प नहीं, करियर की ज़रूरत है

Google और Microsoft का संदेश: AI सीखना अब विकल्प नहीं, करियर की ज़रूरत है

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तकनीकी दुनिया में AI (Artificial Intelligence) का प्रसार तेज़ी से हो रहा है। अब Google और Microsoft जैसे टाइटल वाले टैक जायंट्स साफ़ बता रहे हैं कि यदि आप AI टूल्स और टेक्नोलॉजी के साथ कदम नहीं मिलाएंगे, तो करियर बढ़ाने के नए अवसरों से पीछे रह जाएंगे। इस ब्लॉग में जानेंगे कि ये कम्पनियाँ क्या कह रही हैं, कौन-कौन से बदलाव हो रहे हैं, और आप कैसे खुद को AI-savvy बना सकते हैं ताकि काम और करियर दोनों में आप आगे रहें।

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Tech Giants की नयी नीति: AI को Performance Metric बनाना

Google और Microsoft दोनों ही ये कह रहे हैं कि AI का उपयोग करना अब सिर्फ “अच्छा है” नहीं, बल्कि ज़रूरी है। Google में कर्मचारियों को external AI coding assistants के उपयोग से पहले internal tools इस्तेमाल करने की अनुमति चाहिए। Microsoft ने GitHub Copilot जैसे टूल्स को अपनी evaluation प्रक्रिया का हिस्सा बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

AI Usage Matters: Managers का रुख

Microsoft की Julia Liuson ने जून में मैनेजर्स को लिखा कि “using AI is no longer optional — it’s core to every role and every level.” Google के Sundar Pichai ने जुलाई में सभी कर्मचारियों से कहा कि उन्हें “be more AI-savvy” होना चाहिए क्योंकि टैक कम्पटीशन में productivity gains AI से होंगे। यह नीति बताती है कि AI proficiency अब सिर्फ coding division तक सीमित नहीं है, बल्कि sales, legal, operations जैसे विभागों में भी अपेक्षित है।

Tools & Internal Programs: Google का AI Savvy Initiative

Google ने internal प्रोग्राम “AI Savvy Google” लॉन्च किया है जिसमें प्रशिक्षण (training), टूलकिट्स और internal AI coding tools शामिल हैं। Engineers को इसके द्वारा नए टूल्स पर काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। Microsoft भी इसी तरह performance reviews में AI usage को जोड़ने की तैयारी कर रही है।

Employees पर असर: Opportunities vs Challenges

यह बदलाव कर्मचारियों के लिए अवसर तथा चुनौतियाँ दोनों लेकर आ रहा है। यदि कोई जल्दी सीखता है और AI tools में माहिर हो जाता है, तो उसकी productivity बढ़ेगी और करियर ग्रोथ के अच्छे अवसर खुलेंगे। दूसरी ओर, जो लोग इस ट्रेंड से पीछे रह जाएंगे, उन्हें competitive disadvantage झेलना पड़ सकता है।

Microsoft vs Google: समानता और अंतर

दोनों कम्पनियाँ समान संदेश दे रही हैं: AI सीखना अब अनिवार्य है। लेकिन तरीका थोड़ा अलग है। Google ने AI proficiency को job descriptions में शामिल किया है और engineers को external tools से पहले internal tools इस्तेमाल करने के लिए कहा है। Microsoft ने GitHub Copilot जैसे टूल्स को evaluation metrics में जोड़ने की बात कही है।

क्या ये परिवर्तन भारत में भी लागू होंगे? Future Outlook

भारत में भी AI adoption का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। IT कंपनियाँ, स्टार्ट-अप्स, इंडस्ट्रीज अब AI tools की मांग कर रही हैं, और global कम्पनियों के साथ काम कर रहे लोग पहले से ही इन बदलावों के प्रभाव देख रहे हैं। यदि आप अभी से AI सीखना शुरू करें, तो नौकरी के अवसरों के लिए आप तैयार होंगे। भारत में कॉर्पोरेट कल्चर में यह बदलाव कुछ समय में सामान्य हो सकता है।

FAQs

Q1: Google और Microsoft ने कर्मचारियों से क्या खास उम्मीद रखी है?

वो चाहते हैं कि कर्मचारी AI tools का इस्तेमाल करें, AI-savvy बनें, और AI proficiency को उनके performance reviews और job roles में शामिल किया जाए।

Q2: AI tools का उपयोग कैसे करना शुरू करें?

internal trainings, courses, ट्यूटोरियल वीडियो, hands-on प्रैक्टिस से शुरुआत करें; Copilot, internal GPT-टूल्स जैसे उदाहरणों से काम करें।

Q3: क्या सिर्फ software engineers को ही AI सीखना चाहिए?

नहीं — sales, legal, operations, HR जैसे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। AI इस्तेमाल हर विभाग में बढ़ेगा।

Q4: क्या भारत में AI proficiency ज्यादा मददगार होगी?

हां, क्योंकि India में remote work, global clients, tech outsourcing बहुत है। AI-capable व्यक्ति को अधिक अवसर मिलेंगे।

Q5: पेशेवरों के लिए क्या सुझाव है जो अभी AI नहीं सीख पाए?

सीखने में कभी देर नहीं होती। छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स लें, online MOOCs और internal कंपनी के AI-trainings से जुड़ें, और धीरे-धीरे AI tools को अपने रोज़मर्रा के काम में लागू करें।

निष्कर्ष

तकनीकी जगत में Google और Microsoft जैसा संदेश साफ़ है: AI सीखना अब सिर्फ एक विकल्प नहीं है, बल्कि करियर की ज़रूरत है। AI tools के यूज़ से productivity बढ़ेगी, काम बेहतर होगा, और अगला दौर उन्हीं का होगा जो इस बदलाव के साथ कदम मिलाएंगे। अगर आप अभी से AI proficiency पर काम शुरू करें — चाहे ट्रेनिंग करें, छोटे-पायलट प्रोजेक्ट्स लें या अपने कार्यस्थल में AI टूल्स अपनाएँ — तो भविष्य में आपको फायदा होगा।

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो नीचे comment करें कि आप किस तरह के AI tools सीखना चाहते हैं, और आगे की posts में उन्हीं टॉपिक्स पर गहराई से चर्चा करेंगे।

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