Self-medication आज भारत में एक खतरनाक ट्रेंड बन चुका है। लोग हल्की खांसी-जुकाम से लेकर सिरदर्द या बुखार तक के लिए इंटरनेट सर्च या AI tools से दवा चुन लेते हैं। शुरुआत में ये आसान लगता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के ली गई दवाएँ कई बार उल्टा असर डाल देती हैं। Antibiotic resistance, गलत diagnosis और delayed treatment जैसी समस्याएँ अब public health के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं।
Key Issues: गलत जानकारी, Misdiagnosis और Antibiotic Resistance
- इंटरनेट और AI tools कभी-कभी लक्षणों को exaggerate कर देते हैं, या ऐसे suggestions देते हैं जो व्यक्ति-विशेष की स्थिति पर फिट नहीं होते।
- Personalized medical judgment का अभाव है।Self-medication से गलत दवाएँ, गलत मात्रा, या गलत इलाज हो जाता है — जिससे Side-effects, Allergy, Organ damage जैसे खतरे दिखने लगे हैं।
- Antibiotics का misuse बहुत बड़ा खतरा है: viral infection में antibiotic लेना, prescription पूरा न करना, या unwanted antibiotic करने के कारण drug resistance बढ़ रही है।
- Delay in treatment भी एक बड़ा issue है क्योंकि लोग doctors से नहीं जाते, diagnosis देर से होता है।
How AI & Search Engines Contribute
- Symptom checker apps और AI tools जो विषयानुसार सुझाव देते हैं, वो अक्सर general data पर आधारित होते हैं — geography, demography, pre-existing conditions नहीं ध्यान में होते।
- इंटरनेट पर जानकारी बहुतायत में है — blogs, forums, social media posts — कई बार unreliable या गलत होती है, लेकिन लोग उन्हें तुरंत भरोसा कर लेते हैं।
- “Doctor Google” की प्रवृत्ति से लोगों को लगता है कि उन्होंने अपने आप ही सही जानकारी प्राप्त कर ली है, और फिर दवा लेने में हिचक नहीं होती।
Health Professionals की राय
- डॉक्टरों का कहना है कि self-medication सिर्फ लक्षणों को mask करता है, मूल बीमारी का इलाज नहीं होता।
- Medical experts कह रहे हैं कि AI tools को supplementary या supportive माना जाना चाहिए, primary medical advice नहीं।
- Public awareness campaigns की ज़रूरत है कि लोग जानें कि कौन-सी दवा लेना safe है, कब डॉक्टर से जाना ज़रूरी है।
Risks: छोटे कदम, बड़े नतीजे
- सामान्य दर्द निवारक (painkillers), paracetamol, NSAIDs आदि गलत मात्रा में लेने से जिगर (liver), गुर्दे (kidneys) प्रभावित हो सकते हैं।
- Steroids या anti-allergy drugs यदि बिना सलाह के लंबे समय तक उपयोग हों, तो immunity और hormonal imbalance की समस्या हो सकती है।
- Mental health issues में भी गलत “self-diagnosis” और “self-prescription” का असर दिख रहा है, क्योंकि लोग कम समझ के कारण गलत दवा ले लेते हैं।
What Should You Do: सुरक्षित Self-Care के उपाय
- कोई भी दवा लेने से पहले qualified doctor या certified healthcare professional से सलाह लें।
- AI या इंटरनेट सर्च से मिली जानकारी से दवाओं का चयन न करें; उन्हें सिर्फ प्रारंभिक जानकारी के रूप में लें।
- यदि दवा की मात्रा या अवधि निर्धारित नहीं है, तो स्वयं से दवा बंद न करें।
- Better to use OTC medicines (ओवर‐द काउंटर) की बजाय prescrption medicines तब ही लें जब डॉक्टर recommend करें।
- Public health awareness बढ़ाएँ: community level पर safe medication usage के बारे में लोगों तक सही जानकारी पहुँचाएँ।
Conclusion: Convenience की कीमत क्या है?
इंटरनेट और AI ने हमारी ज़िंदगी आसान कर दी है, लेकिन जब स्वास्थ्य की बात हो, तो “तुरंत इलाज” की सोच कभी-कभी खतरनाक हो जाती है। Self-medication और AI-guided self-diagnosis में संतुलन बहुत ज़रूरी है। Public health को सुरक्षित बनाए रखने के लिए हमें यह समझना होगा कि डॉक्टर का अनुभव और medical supervision सिर्फ optional नहीं, बल्कि ज़रूरी है।
FAQs
Q1. Self-medication क्या है?
यह वह प्रैक्टिस है जिसमें व्यक्ति बिना डॉक्टर से परामर्श लिए, इंटरनेट, AI tools या सलाह-मशहूर लोगों से मिली जानकारी के आधार पर दवाएँ लेता है।
Q2. AI tools कितने भरोसेमंद हैं?
वे सहायक हो सकते हैं, लेकिन सिर्फ प्राथमिक जानकारी देते हैं। diagnosis, treatment plan और dosage जैसे निर्णयों के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
Q3. कौन-सी विशेष दवाएँ ज़्यादा जोखिमपूर्ण हो सकती हैं?
Antibiotics, painkillers (NSAIDs), steroids, और over-the-counter medications जैसे paracetamol यदि गलत तरीके से इस्तेमाल हों तो जिगर, गुर्दे, और immunity को नुकसान कर सकती हैं।
